खुली आँखों के सपने तभी होते हैं सच जब हम जुटते हैं लगन से खुली आँखों के सपने तभी होते हैं सच जब हम जुटते हैं लगन से
यह लाल दिव्य सूरज का रंग, खुल गए प्रकृति के सभी अंग! यह लाल दिव्य सूरज का रंग, खुल गए प्रकृति के सभी अंग!
मैं इतनी खुश हूँ आखिर मेरा स्वप्न सत्य हो ही गया न टूटा यह सदा की तरह एक शीशे की तरह मैं इतनी खुश हूँ आखिर मेरा स्वप्न सत्य हो ही गया न टूटा यह सदा की तरह ए...
विदेश भ्रमण की इच्छा क्या होगी पूरी, कश्मीर जाए या फिर घूमे कन्याकुमारी, क्या कम होगी पर्यटन से दि... विदेश भ्रमण की इच्छा क्या होगी पूरी, कश्मीर जाए या फिर घूमे कन्याकुमारी, क्या ...
स्वार्थ छोड़ परार्थ हित जीना उचित है, जतन है शुभ लोकहित जिसमें निहित है। स्वार्थ छोड़ परार्थ हित जीना उचित है, जतन है शुभ लोकहित जिसमें निहित है।
बुन लूँ उमंगों की चूनर, लगा लूँ माथे से धरा। बुन लूँ उमंगों की चूनर, लगा लूँ माथे से धरा।